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उदय इंडिया नॉलेज ट्री गौ वेद विज्ञान अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन

उदय इंडिया नॉलेज ट्री गौ वेद विज्ञान अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन

23 नवम्बर, 2018 को उदय इंडिया नॉलेज ट्री के गौ वेद विज्ञान अनुसंधान केन्द्र का उद्घाटन पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर किया गया। शुभआरम्भ हवन-यज्ञ एवं गौ-आरती तथा संतों की उपस्थिति में हुई। इस शुभ अवसर पर भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष श्याम जाजू, अजीत महापात्रा, अखिल भारतीय सह गौ-सेवा प्रमुख (आरएसएस), गोस्वामी सुशील जी महाराज, आचार्य डॉ. लोकेश मुनि, नेशनल गैलरी ऑफ माडर्न आर्ट के माहानिदेशक- अद्वैत गडनायक, टी. टी. गार्मेन्ट के अध्यक्ष- डॉ. रिखब चन्द जैन, राष्ट्रीय स्वयंसेवक के पूर्व प्रचारक, स्वदेश पाल गुप्ता एवं ब्रह्मकुमारी बहन शिल्पा, इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथी के रूप में थे।

सर्वप्रथम आचार्य लोकेश मुनि ने इस उद्घाटन समारोह को संबोधित किया। समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौ का सर्वोच्च स्थान है और गौ वेद विज्ञान अनुसंधान केंद्र के माध्यम से गाय की उपयोगिता का विषय जनता के सामने आयेगा, जिससे लोगों का इस दिशा में और रूझान बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि जब तक लोग गाय की उपयोगिता को नहीं समझेंगे तब तक गौ-रक्षा का विषय भी आगे नहीं बढ़ पायेगा।

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गोस्वामी सुशील जी महाराज ने इस समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि यह एक ऐतिहासिक दिन है, जिसके लिए मैं उदय इंडिया नॉलेज ट्री को बधाई देना चाहता हूं। देश में इमरजेंसी के समय कानून आया था, जिससे दिल्ली में लोगों को गाय पालने से मना कर दिया गया। उन्होंने कहा कि आज दिल्ली जैसे बड़े शहर में हमें कई नस्ल के कुत्तों को पालने की इजाजत तो है लेकिन गाय पालने की इजाजत नहीं है। मेरा मानना है कि दिल्ली एनसीआर में वापस फिर से ऐसा अध्यादेश आये ताकि हर घर में लोग गाय पाल सकें। उन्होंने कहा कि हिदुस्तानी परिवार में यदि गौ पालन होगा तो हमारी संस्कृ ति स्थापित होगी। अन्यथा जो हम स्वप्न देख रहे है, वह पूरा होना असम्भव लगता है।

भारतीय जनता पार्टी के उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने कहा कि उदय इंडिया नॉलेज ट्री द्वारा गौ-सेवा के संदर्भ में लिया गया यह कदम काफी सराहनीय है। उन्होंने कहा कि पहले जब लोग मन्दिरों में जाते थे तो लोग उन्हे साम्प्रदायिक करार देतेे थे लेकिन आज विदेशों में होने वाली रिसर्च से हमारी संस्कृति की उपयोगिता लोगों के समक्ष आ रही है और लोग भी अब इसे स्वीकार्य करने लगे हैं। अजीत महापात्रा ने अपने संबोधन में गाय के संवद्र्धन पर जोर देते हुए इसकी उपयोगिता पर प्रकाश डाला।


ए2 दूध का महत्व


ए2 दूध, ए1  दूध से कई गुना ज्यादा स्वास्थ्यवर्धक होता है। देसी नस्ल की गायों में ए2 दूध प्रोटीन प्राकृतिक रूप से पाया जाता है। ये कई बीमारियों जैसे कि हृदय रोग, डायबिटिज एवं न्यूरोलॉजीकल डिसऑर्डर से बचाता है एवं शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता पैदा करता है।

भारत में हर प्रकार के दूध को एक जैसा ही समझा जाता है। लोग आज भी देशी ए2 दूध और विदेशी ए1 दूध देने वाली गाय के दूध में कोई अंतर नही समझ पाते हैं। गाय और भैंस के दूध में भी कोई अंतर नहीं माना जाता। सारा ध्यान अधिक मात्रा में दूध और वसा देने वाले पशु पर ही होता है। किस दूध में क्या स्वास्थ्यनाशक तत्व हैं, इस विषय पर डेरी उद्योग कभी सचेत नहीं रहा है।

ए2 दूध के फायदे

ए2 केवल देसी गायों के दूध में पाया जाता है। शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। दिल की बीमारी के खतरे को कम करता है। कैंसर रोग से बचाता है। पाचन तंत्र के लिए लाभदायक है। इन्हीं गुणों के चलते छोटे बच्चों को केवल देसी गाय का दूध ही पिलाया जाता है।

ए1 दूध के नुकसानदायक

ए1 दूध पीने के बाद यह बीसीएम सात यानी बीटा कैजो मारफिन बनाता है, जो शरीर के लिए नुकसानदायक होता है। इस दूध से बच्चों को डायबिटीज हो सकती है। पाचन तंत्र को खराब करता है। दिल की बीमारी बढ़ाता है। दिमाग को कुंद करता है। विदेशी गायों के दूध में यह प्रोटीन सार्वाधिक मात्रा में मिलता है।


पूरे देशभर में गौ-रक्षा हेतु कार्य कर रहे राजेन्द्र सिंघल ने कहा कि आज गाय के साथ वैसा ही हो रहा है जैसा कि 1992 में जो लोग मन्दिर की जगह मस्जिद-मस्जिद चिल्ला रहे थे, वे आज मन्दिर-मन्दिर चिल्ला रहे है। गौ-सेवा करने के लिए हमने जो चलो गांव, का नारा दिया था, वह 2024-25 तक साकार होता दिख रहा है। क्योंकि शहरों में प्रदूषण की मात्रा बढ़ गई है। उन्होंने कहा कि गुरू गोलवलकर ने भी कहा था कि भारत में 2022 तक गौ-हत्या पर पूर्ण प्रतिबंध लग जायेगा।

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गाय के भविष्य के संदर्भ में सरकार द्वारा लिये जाने वाले कदमों के विषय में अपनी बात रखतें हुए, दिल्ली गोधन संघ के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि गौ-अनुसंधान केन्द्र एक उच्चत्तम विचार है। विज्ञान भवन में कृषि पर आयोजित एक प्रोग्राम में मैने इस मुद्दे को उठाया था कि देश में अन्य पशुओं पर अनुसंधान केन्द्र तो हैं लेकिन गौ-अनुसंधान केन्द्र नहीं है और इस पर सरकार भी विचार कर रही है।

टी. टी. गार्मेन्ट के अध्यक्ष, डॉ. रिखब चन्द जैन जो इस क्षेत्र में लम्बे समय से जुड़े हुए है उन्होंने अपनी बात रखते हुए कहा कि गौ-सुरक्षा के लिए हमें अपनी मानसिकता बदलने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि गाय आर्थिक रूप से भी सबसे अधिक लाभकारी पशु है। नेशनल गैलरी ऑफ माडर्न आर्ट के माहानिदेशक- अद्वैत गडऩायक ने कहा कि गाय का नाम सुनने के पश्चात कामधेनु का रूप हम सभी के मस्तिष्क में आता है और इस कारण एक गौशाला का रूप कैसा होना चाहिये, इस विषय पर मैं स्वयं कार्य कर रहा हूं।

 उदय इंडिया ब्यूरो

 

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